क्या हम भगवान को देख सकते है
आइये जाने
भगवान को हम महसुस कर सकते हैं । एक बार एक संत अपने. शिष्यों के साथ धर्म--आध्यात्म पर चर्चा कर रहे थे । तभी एक शिष्य ने उनसे पूछा अगर ईश्वर हर जगह मौजूद हैं तो हमें दिखाई क्यों नहीं देते हैं । ये सुन संत ने एक अन्य शिष्य से एक लोटा पानी और थोडा सा नमक मंगवाया । इसके बाद गुरू ने पानी में.नमक को मिलाने के लिए कहा ।.फिर संत ने शिष्यों से कहा क्या पानी में नमक दिखाई दे रहा है ? शिष्यों ने ना मे सिर हिला दिया । इसके बाद गुरु ने कहा. कि अब पानी को चखो । शिष्यों ने कहा कि पानी में नमक का स्वाद आ रहा है । इसके बाद संत ने पानी को उबालने के लिए कहा । जब लोटे का पानी भाप बनकर उडा तब संत ने कहा कि अब इस लोटे मे देखो । शिष्यों ने लोटे मे देखकर कहा कि लोटे मे नमक का कण दिखाई दे रहे हैं । तब संत ने कहा कि ठीक इसी तरह ईश्वर भी कण --कण मे है , लेकिन हम उन्हें देख नहीं सकते , सिर्फ महसूस कर सकते हैं । जिस तरह पानी को गर्म करने के बाद नमक के कण दिखाई दिए , ठीक उसी तरह जब हम ध्यान , भक्ति और तप करते हैं ,तब हमें भगवान के दर्शन हो सकते हैं । इसके लिए हमें हमारी बुराइयों को छोड़ना पड़ता है , तभी हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं ।पहले जन्म व मृत्यु मुफ्त होते थे!अब जन्म-मृत्यु महंगे हो गए है!
बिना सीजेरियन जन्म नही होता! और बिना वेंटिलेटर मृत्यु नही होती!!
सेवा करने के लिये उम्र नही संस्कारों की जरूरत होती है
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