सेनिटाइज़र के उपयोग से कैंसर का खतरा बढ़ा
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क्या है सेनिटाइज़र
सेनिटाइज़र के उपयोग से कैंसर का खतरा बढ़ा |
आइये आपको बताते है की ये सेनेटीज़र क्या है आपको जानकारी से बहुत खुसी होगी की सेनेटीज़र के इस्तेमाल से हाथो में रहने वाले किठाड़ू मर जाते है
मगर की आप ये जानते है की सेनेटीज़र केमिकल से बनता है और इसमें जिस तरह का केमिकल का उपयोग किया जाता है उससे कैंसर होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है
एक न्यूज़ पेपर दैनिक भास्कर के अनुसार
कोरोना वायरस http://divaknowledge.blogspot.com/2020/04/arogya-setu-app.html के कारन सेनेटीज़र की खपत अचानक बढ़ गयी है हॉस्पिटल से लेकर हर घर में सेनेटीज़र का उपयोग हो रहा है लेकि ये आपको जानकर हैरत होगी की सेनेटीज़र के ज्यादा उपयोग से कैंसर, लिवर, किडनी , फेफड़े सहित स्किन रोगो सहित की वजह बन सकता है
खासकर खुशबु वाले सेनेटीज़र को बार बार सुघने से २ से १० साल के उम्र तक के बच्चो को वह गर्भवती महिलाओ की इम्मुनिटी घाट सकती है ८ मई को इंटरनेशनल जनरल बोइजार में प्रकाशित मुरैना के प्राणिक वैगयानिक डॉ विनाक सिंह तोमर के शोध में यह खुलाशा हुआ है
ट्राइकोशन
आसानी से स्किन अवशोषित कर लेती है यह केमिकल शरीर के अंदर जाकर मांसपेशियों में एथन अकड़न की समस्या पैदा कर देती है
वेन्जाल कोनियम क्लोराइड
सेनेटीज़र में उपयोग होने वाला यह केमिकल हानिकारक कीटाडुओं को नस्ट करता है लेकिन इसके लगातर उपयोग वह शरीर के तवचा के रोम छिद्रो द्वारा अवशोषित करने की वजह से इससे त्वचा में जलन, खुजली, चकते पड़ने की समस्या बढ़ सकती है
फैथलेट्स
यह केमिकल सेनिटीज़र में खुसबू पैदा करता है और अक्सर खुसबू युक्त सांइटिसेर लगाने के बाद बच्चे उसे सुंघते है लगातार सेनेटीज़र सुघने की आदत से सरीर के लिवर , किडनी, फेफड़े वह प्रजनन तत्र पर असर पड़ता है और साथ ही इम्मून सिस्टम पर भी बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है
सेनिटाइज़र के उपयोग से कैंसर का खतरा
रोकथाम के उपाय
घरों में नीम के साथ उबलते पानी , नमक पानी से हाथ धोये और घरो में नमक पानी से पोछा लगाए यह भी वायरस को मारने में कारगर है https://divaknowledge.blogspot.com/2020/04/pm.html
थैंक यु
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Diva knowledge
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