Monkey Story For Kids
यहां एक बच्चों के लिए मधुमक्खी की कहानी है।
एक बार की बात है, एक गांव में एक छोटा सा बंदर रहता था। वह बंदर बहुत शरारती और मस्तिष्कशील था। उसे पर्याप्त खाने की चिंता नहीं थी, इसलिए वह बार-बार और सभी गांव के मकानों में घूस जाता था। यह उसकी आदत बन गई थी।
एक दिन, बंदर ने एक मकान में एक मधुमक्खी को देखा। वह मधुमक्खी नया और प्यारा था। बंदर ने सोचा, "उसे चिढ़ाने में मज़ा आएगा।" वह चिढ़ाने के लिए मधुमक्खी के पीछे पड़ गया।
बंदर जब मधुमक्खी को पीछे कर रहा था, तो उसे बार-बार दस्ताने मार रही थी। बंदर गुस्से में आकर रोने लगा और उसने मधुमक्खी से कहा, "तुम मुझे दस्ताने क्यों मार रही हो?"
मधुमक्खी हंसते हुए बोली, "बंदर भैंस का डंडा मारता है, इसलिए मैंने भी तुम्हें दस्ताने मारे।"
बंदर को अपनी गलती समझ में आई और वह बोला, "मुझे माफ करो, मधुमक्खी। मैं तुम्हें चिढ़ाने के लिए आया था, लेकिन मुझे गलती समझनी चाहिए थी।"
मधुमक्खी ने बंदर को माफ कर दिया और दोनों अच्छे दोस्त बन गए। अब वे साथ में खेलते, उड़ते और मिठाई खाते थे।
इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा दूसरों के साथ सहयोग और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। दूसरों की भावनाओं का आदर करना और उन्हें समझने का महत्व होता है।
आशा है कि यह कहानी बच्चों को पसंद आई होगी और उन्हें एक अच्छे मित्रता की महत्वपूर्णता समझाई होगी।
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